मत्ती 25:41 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान41 “तेखअ बोल़णअ मुंह आपणीं बाऊंईं पाशल़ी आल़ै लै, ‘हे शापा दी पल़ै दै लोगो, मुंह सेटा का डेओआ सदा रहणैं आल़ी आगीए घैनै जैंदरी ज़ुंण राख्सा और तेऊए दूता लै आसा परमेशरै बणांईं दी। Faic an caibideilकुल्वी41 “तैबै मूँ बांऊँई धिरलै तिन्हां बै बोलणा, ओ श्रापित लोको, मूँ हागै न फ़ेटै नरकै री हमेशा री औगी बै ज़ाआत्, ज़ो शैतान होर तेइरै दूतै री तैंईंयैं परमेश्वरै त्यार केरी सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम41 तेबा राजे बाई फेरा आले बे बोलणाा, हे शापित लोको, मेरे सामने का तेसा अनन्त आगि में नाहाँ, जोह शैताना होर दूता बे त्यार करी दी। Faic an caibideil |