मत्ती 25:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 तेखअ बोलअ ईशू आपणैं च़ेल्लै लै, “ज़ेभै हुंह मणछो शोहरू फिरी एछणअ तेभै हणअ स्वर्गो राज़ तिन्नां दस कुंआरी शोहरी ज़िहअ ज़ुंण आपणैं मसालै ज़ाल़ी करै बैहा लै लाल़ी संघै साथणीं लाल़ै का मिलदी निखल़ी। Faic an caibideilकुल्वी1 “तैबै यीशुऐ आपणै च़ेले सैंघै बोलू, ज़ैबै हांऊँ मांहणु रा बेटै वापस ऐणा, स्वर्ग रा राज्य तिन्हां दस कुँआरी सांही होंणा ज़ो आपणी मशाल लेइया दुल्है सैंघै मिलदी निकती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 स्वर्गा रा राज्य त्या दस कुआरी रे बराबर हूँणा जोह आपणे मशाला नी करे आपणे लाडे संघे मिलदी निकती। Faic an caibideil |
ईंयां आसा तिंयां ज़ुंण इहै मणछा ज़िहै पबित्र आसा ज़ुंणी कधि कंज़रैई निं की, इहै ई तिन्नैं निं मिम्मूं का सुआई होरी कोहिए पूज़ा की। ज़िधा लै बी मिम्मूं डेओआ, तिंयां बी डेओआ तेऊ पिछ़ू-पिछ़ू। तिंयां आसा तिंयां ई ज़ुंण पृथूईए सोभी मणछा मांझ़ा का आसा बच़ाऊऐ दै। ज़िहै लोग तिन्नें फसला का पैहलअ फल़ परमेशरा लै दैआ, तिंयां बी आसा तिहै ई परमेशर और मिम्मूं लै पैहलै फल़ भैंट किऐ दै।