मत्ती 24:38 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान38 किल्हैकि ज़िहै पाणीं करै हुई दी प्रल़या का पैहलै ज़ेभै तैणीं नूह ज़हाज़ा दी नांईं बेठअ, तेभै तैणीं रहै लोग खांदै-पिंदै और तिन्नां मांझ़ै रहा ती बैह शादी हंदी। Faic an caibideilकुल्वी38 किबैकि ज़ैण्ढा जल-प्रलय रै पैहलकै ध्याड़ै न ज़ुणी रोज़ा तैंईंयैं नूह जहाज़ा नी च़ढ़ू तेई ध्याड़ै तैंईंयैं लोका खाँदै-पींदै ती होर तिन्हां न ब्याह-शादी होआ ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम38 किबेकि जेड़े जल प्रलय का पहिले रे धयाडे में, जासू धियाडी तणी कि नूह जहाजा में नांई चढने तणी, तेसा धियाडी तणी लोका खांदा पींदा थी, होर त्यामें ब्याहा हूँदा थी। Faic an caibideil |