मत्ती 23:26 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान26 हे कांणै मणछा ज़िहै फरीसी लोगो, पैहलै बदल़ा आपणैं मनैं होरी लुटणैं बूरी सोठ, तै सका तम्हैं धर्म करनै जोगी तिन्नां भांडै ज़िहै बणीं ज़ुंण बागै और भितरी दुही बाखा हआ धोऐ दै। Faic an caibideilकुल्वी26 ओ कांणै फरीसी लोको, पहिलै कटोरै होर थाल़ी बै भीतरै न माँज़ा कि ते बाहरै न भी साफ होली। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम26 हे काणे फरीसी, पहिले कटोरे होर थाल़ी मितरा का मांज़ा कि त्याह बागा का भी शुद्ध हो। Faic an caibideil |