मत्ती 23:25 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान25 “हे कपटी शास्त्री और फरीसी लोगो, तम्हां लै एछणी बडी भारी खरी! होरी लोगा सम्हनै हआ तम्हैं बागा का भलै और मणछ धर्मीं बणैं दै। पर भितरा का आसा तम्हैं ऐईबी और बूराई करै भर्हुऐ दै। तम्हैं आसा तिन्नां भांडै ज़िहै ज़ुंण बागा का ता आसा धोऐ दै पर भितरा का आसा बास्स शल़ैन्ह लागी दी। Faic an caibideilकुल्वी25 “ओ कपटी शास्त्रिओ होर फरीसी लोको, हाय सा तुसा पैंधै; तुसै कटोरै होर थाल़ी बै बाहरै न ता माँज़ा सी पर भीतरै न ते मैली होआ सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम25 हे कपटी शास्त्रीयो होर फरीसीयो तमा पैंदे हाय! तमे कटोरे होर थाल़ी बागा का मांजा पर त्या मितरा त्या लुट सगीट होर बुरी आदते संघा भरी दे साहा। Faic an caibideil |