मत्ती 21:30 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान30 तेखअ तेऊ दुजै शोहरू लै ढेअ किअ कि ‘शोहरूआ, तूह कर आझ़ अंगूरे बगिच़ै दी काम’ तेऊ बोलअ ‘हाँ बाप्पू हुंह च़ाल्लअ एभी डेऊई’ पर सह निं नाठअ। Faic an caibideilकुल्वी30 “तैबै सौ बापू दुज़ै बेटै हागै नौठा होर तेइबै भी बगीच़ै न कोम केरनै बै बोलू। तेई बेटै ज़वाब धिना, ‘ओ ज़ी, हांऊँ,’ ज़ा सा पर सौ नी नौठा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम30 तेहुकी मालके दूजे सेटा नाहीं करे एडा ही बोलू, तेऊ उतर दिंना, जी जरुर नाहलअ, पर नांई नाठअ। Faic an caibideil |