मत्ती 20:6 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 “खिरी च़ाल्ली ती सान्ह पल़ी ता तेऊ भाल़ै होर मज़दूर बी रित्तै खल़्हुऐ दै। तेऊ बोलअ तिन्नां लै बी ‘तम्हैं किल्है आसा इधी सारी धैल़ी रित्तै खल़्हुऐ दै?’ तिन्नैं बोलअ इहअ कि ‘हाम्हां निस्सी किधी बी मज़दूरी खटणा लै भेटी।’ Faic an caibideilकुल्वी6 लगभग पौंज़ बज़णू आल़ै ती सौ भी घौरा न नौठा होर तेइयै भी किछ़ लोका बज़ारा न औरै-पौरै खड़ै हेरै, होर तिन्हां न पुछ़ू, तुसै औखै पूरी ध्याड़ किबै बेकार खड़ै रौहा सी? तिन्हैं तेइबै बोलू, किबैकि, आसै कौसियै ध्याड़ी पैंधै नी लाऐ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम6 लगभग ब्यालके पाज बाजे, तेऊ भी निखल़ी करे होरा खड़े हेरी, होर तेऊ बोलू, तमे किबे अखे पूरी धयाड बेकार खड़े रहीदे ? त्याहे तेऊबै बोलू, एतकी तणी की कोही भी हमें कामा में नांई लाई। Faic an caibideil |