मत्ती 20:13 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान13 “तेऊ दैनअ तिन्नां मांझ़ै एकी लै ज़बाब, ‘भाल़ भाई, मंऐं निं ताह संघै किछ़ै ज़ुल्म किअ, ज़ेऊ साबै तूह दोती कामां करना लै राज़ी हुअ त तेतरी मज़दूरी ता ताल्है पूरी दैनी? Faic an caibideilकुल्वी13 तैबै ज़मींदारै तिन्हां न एकी बै ज़वाब धिना, “सैंघी मैं तौ सैंघै कोई हेर-फेर नी केरी। कि आसै ऐ गैल नी ती केरी ती कि मूँ तौभै एक रोज़ै री ध्याड़ी देणी? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम13 तेऊ त्याह मेज़ा का एकु बे उतर दीना, हे मित्र, हाऊं ताहका किछे बुराई नांई करदअ। कैह तांई ही महा का एक दीनार नांई बोलू,? Faic an caibideil |