मत्ती 20:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 ‘ज़ुंण ईंयां खिरी उडै आऐ तै इनै ता सिधअ एकी कहरै किअ काम! पर तंऐं दैनी इना लै हाम्हां बराबर मज़दूरी! ज़ुंणी सारी धैल़ी बोझ़अ च़कअ और चटाक धुपैओ जाम्ह ज़िरअ?’ Faic an caibideilकुल्वी12 ज़ो बादा न लागै ती तिन्हैं सिर्फ़ एक घँटा कोम केरु, होर तैं तिन्हां बै बी एक रोज़ै री ध्याड़ी धिनी, ज़ैबैकि आसै पूरी ध्याड़ धूपै न मेहनत केरी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम12 याह पिछले एकु घंटे ही काम करू, होर तांई त्या हामा बराबर करी जूणी पूरी धियाड़ भरे चुआकी होर धूपा सहू? Faic an caibideil |