मत्ती 18:8 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान8 “ज़ै तूह आपणैं हाथा खूरा करै पाप करा, ता तिन्नां कर आप्पू का दूर च़ाऐ ताह तिंयां काटणै किल्है निं पल़े। टुंडअ लाट्टअ हई सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी लै डेऊणअ आसा ताल्है एता का भलअ कि दुही हाथा और दुही खूरा संघै तूह नरके आगी दी पल़े। Faic an caibideilकुल्वी8 अगर तेरै हौथ या ज़ोंघा तौभै ठोकर खिया सा ता तेइबै काटिया शेट किबैकि टुण्डै होर लँगड़ा होईया ज़ाणै न ता तेरै तैंईंयैं ऐ भला सा कि दुई हौथ ज़ोंघा होंदैआ नरका मौंझ़ै तेसा हमेशा री औगी न पाऊ लोड़ी ज़ुण कैधी भी हिशणै री नी ऑथि। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम8 अगर तेरअ हाथ होर ज़ाघ महा बै ठोकर खलाए, तेबा तेसा काटी करे फैकी दे, टूण्डे होर लेगड़े होई करे जीबना में प्रबेश करना ताहबे एताका भला साहा कि दुहे हाथ या दुहे ज़ाघा रहंदे तूह अनन्त आगि में पाऊ लोडी। Faic an caibideil |
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)