मत्ती 18:34 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान34 “मालका आई तेऊ लै बडी भारी रोशै और सह पाअ कैद खानै दी सज़ा दैणैं आल़े हाथै। संघा डाहअ तिन्नां लै इहअ बोली कि ज़ेभै तैणीं अह पूरअ धुआर नांईं भरे; तेभै तैणीं निं एऊ बागै छ़ाडी। Faic an caibideilकुल्वी34 तेइरै मालका बै बड़ी झ़िक आई होर तैबै तैंईंयैं सज़ा काटणै बै बोलू ज़ैबै तैंईंयैं कि सौ ऋण चुकाला नी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम34 होर तेऊरे मालक रोषा में इच्छी करे दण्डा दिण आले रे हाथे सह दास भेजू, कि तेबरे तणी यह सारा कर्ज नांई भरे, तेबरे तणी त्यारे हाथे रहे। Faic an caibideil |