मत्ती 18:16 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान16 ज़ै सह नांईं शुणें, तै निंऊं दूई मणछ आप्पू संघै होर किल्हैकि बधाने साबै लोल़ी हरेक गल्ला दूई या चिई गवाहीए सम्हनै हूई। Faic an caibideilकुल्वी16 अगर सौ नी शुणला ता आपु सैंघै एक-दूई होर मांहणु नेइया ज़ा, किबैकि मूसा रै नियमा रै मुताबक, “हर एक शिकायत दुई या दुई न ज़ादा गुआही सामनै सच़ साबित होणी चेहिऐ।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम16 अगर सह नांई शुणे, तेबा एक या दुई मणश आपु संघे होर नीह, कि हर एक गल दुई या चिण गुआही रे मुँहा का जरुर करनी। Faic an caibideil |
ऐबै एछणअ मुंह चिऊथी बारी इना गल्ले फैंसलै करदअ तम्हां सेटा लै ज़िहअ पबित्र शास्त्र बोला, “हर गल्लो फैंसलअ करनअ दूई या चिई गवाही सम्हनै।” (बधान 19:15) ज़धू हुंह दुजी बारी तम्हां सेटा लै आअ तधू तै हाम्हैं चअन ज़ण्हैं, तधू हेरअ त मंऐं बोली कि मुंह दैणीं तिन्नां लै सज़ा ज़ुंण तम्हां मांझ़ै कबल्लै पाप करनै आल़ै मणछ आसा। ऐबै दैआ हुंह भी तिन्नां लै और होरी सोभी लै भी चतैनगी कि हुंह अज़ी बी तम्हां का दूर, ज़ेभै हुंह भी तम्हां सेटा लै एछे तेभै निं तिन्नां हुंह छ़ाडी गअ।