मत्ती 18:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 “तम्हैं किज़ै समझ़ा? ज़ै कसा मणछे शौ भेडा होए, और तिन्नां मांझ़ै एक भेड़ कबाता पेठे, तै कै नडिनुंऐं भेडा छ़ाडी सह नाल़ै-धारा हर ज़ैगा तेसा लुक्की दी भेडा लोल़अ निं डेऊणअ? Faic an caibideilकुल्वी12 “तुसै कि सोच़ा सी? अगर कौसी मांहणु हागै शौऊ भेड़ा सी, होर तिन्हां न एक भेड़ राहइली ता कि तेई नढ़ीनुऐ भेड़ा छ़ौड़िआ सौ एक भेड़ ढौगा न ज़ाइआ नी तोपणी? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम12 तमे कैह सोचा? अगर कासु मणशा री शअ भेडा हो, त्याह मेंज़ा का एक गोझे, तेबा कैह तेऊ निन्यानबे भेडा सुरक्षा आली जागहा छाडी करे, होर पहाडा मेंजे तेसा गोजण दीणा, की सह गोझी दी भेड़ नांई लोडनी? Faic an caibideil |