मत्ती 16:28 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान28 हुंह खोज़ा तम्हां का सत्त कि तम्हैं ज़ुंण इधी आसा, तम्हां मांझ़ै आसा कई इहै बी तिन्नां लै निं तेभै तैणीं मौत एछणी ज़ेभै तैणीं मुंह मणछे शोहरू राज़ै बणीं फिरी एछदै भाल़ी नां हेरे।” Faic an caibideilकुल्वी28 “हांऊँ तुसाबै सच़ बोला सा, औखै ज़ो खड़ै सी, तिन्हां न किछ़ ऐण्ढै सी तिन्हां मांहणु रै बेटै बै परमेश्वरै रै राज्य न ऐन्दा नी हेरलै तैबै तक तिन्हां नी मौरना।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम28 हाऊं तमाबे सच बोला की जोह ज़खे खड़े साहा, त्याह मेज़ा का कुछ एड़े साहा कि जेबरे तणी मणशा रे शोहरू तेऊरे राज्य में इहंदे नांई हेरे, तेबरे तणी मऊती रा स्वाद कधी नांई चखणा। Faic an caibideil |
“ज़ै तम्हैं मुंह आपणअ प्रभू मनणै और मेरी शिक्षा मनणै का इहअ एसा डरै हुधिए कि एऊ ज़मानें पापी और कंज़रै लोगा करनअ थारअ सुहांग, तै हुधणअ तेभै मुंह मणछे शोहरू बी कि तम्हैं निं मेरै च़ेल्लै आथी ज़ेभै हुंह आपणैं पबित्र स्वर्ग दूता संघै पृथूई दी फिरी एछणअ। तेभै भाल़णअ सोभी मेरअ प्रतप ज़िहअ मेरै बाप्पूओ आसा।”