मत्ती 15:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 “पर तम्हैं बोला इहअ ‘ज़ै कुंण आपणैं आम्मां-बाप्पू लै इहअ बोले कि ज़ुंण किछ़ हाम्हां तम्हां लै दैणअ त सह हेरअ हाम्हैं परमेशरा लै सकल़्प करी दैई। ऐबै निं हाम्हैं थारी मज़त करी सकदै?’ Faic an caibideilकुल्वी5 पर तुसै बोला सी कि अगर कोई मांहणु आपणै आमा-बापू बै बोला सा कि, ‘मेरी ज़ुणी चीज़ा न तुसाबै फायदा होई सका ती सौ मैं परमेश्वरा बै भेंट केरी सा।’ Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 तमे बोला कि अगर कोई आपणे आमा होर बापू बै बोला, जोह कुछ ताह महा का लाभ पूजी सका, सह परमेश्वरा री भेंट चढ़ाई छेकू। Faic an caibideil |