मत्ती 15:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 “तेरै च़ेल्लै पित्तरे रिती-रबाज़ किल्है निं मंदै? नधोऐ हाथै किल्है खाआ ईंयां रोटी?” Faic an caibideilकुल्वी2 “तेरै च़ेले स्याणै रै रीति-रिवाज़ा बै किबै चोड़ा सी, ते हौथ धोऐ बगैर रोटी खा सी।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 तेरे चेले प्राचीना रे रीति रिवाजा बे किबे टाल़ा, कि बिना हाथ धोए रोटी खांदा? Faic an caibideil |
तम्हां का लोल़ी थोघ हुअ कि परमेशरै तम्हैं बेकार बभारा का किहअ करै बच़ाऊऐ, ज़ुंण तम्हैं आपणैं पित्तरा का आसा शिखल़अ द। तेऊ निं तम्हैं सुन्नैं और च़ंदी ज़ेही बरैबाद हणैं आल़ी ज़ैदाता करै बच़ाऊऐ। पर परमेशरै बच़ाऊऐ तम्हैं मसीहे किम्मती लोहू करै ज़ुंण म्हारै पापा लै बल़ीदान हुअ। तेऊए मौत ती हाम्हां लै सिध्द और शुचअ बल़ीदान ज़िहअ यहूदी सिध्द मिम्मूं करा तै बल़ीदान ज़ेथ कोई दाग और दोश नां होए। (गलाती 1:4; भज़न 49:7-8; याशायाह 52:3)