मत्ती 14:30 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान30 पर पतरस डरअ ढिश बागरी करै, और ज़ांऊं सह पाणीं दी डुबदअ लागअ ता तेऊ पाई लैल़ा “हे प्रभू, मुंह बच़ाऊ हुंह च़ाल्लअ डुबी मुंह बच़ाऊ।” Faic an caibideilकुल्वी30 पर सौ बागरी ब्यानै हेरिया डौरू। सौ डुबदा लागा होर सौ चिलाऊ, “ओ प्रभु जी मुँभै बच़ात्।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम30 पर बडी बागुरी हेरी करे डरु, होर जेबा डूबदअ लागअ तेबा जोरे करे बोलू, हे प्रभु, महा बचाह! Faic an caibideil |