मत्ती 13:15 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान15 किल्हैकि इना लोगो मन आसा गअ द पात्थरा ज़िहअ काठअ हई ईंयां निं मेरी गल्ला शुणदै, तिन्नैं आसा डाही दी आपणीं आछी मुंदरी इहअ निं हआ कि तिंयां आछी करै भाल़े, और काना करै शुणें और मना का समझ़े, और तिंयां बापस फिरे और हुंह तिन्नां राम्बल़ै करूं।’ Faic an caibideilकुल्वी15 किबैकि इन्हां लोका रा मन मोटा हुआ सा, ते कोनै लाइया उथड़ा शुणा सी, होर तिन्हैं आपणी औछ़ी बन्द केरी सा, कोइँछ़ै ऐण्ढा नी लोड़ी हुआ कि ते औछियै लाइया हेरलै, कोनै लाइया शुणलै होर मनै लाइया समझ़लै, होर पाप केरना छ़ौड़िआ मूँ धिराबै फिरलै, होर हांऊँ तिन्हरा उद्धार केरनु।’ Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम15 किबेकि याह लोका रा मन मोटा होऊदा, होर जोह कनेटा का ज़ोरे शुणा होर त्याहा आपणी आछी बन्द करी दी; कई एडा ना होहे कि त्याह आछी का हेरे, होर कनेटा का शुणे, होर मना का समझे, होर तेहुकी नाहे, होर हाऊं त्याह ठीक करू। Faic an caibideil |