मत्ती 12:34 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान34 “तम्हैं आसा झ़रीली दानुईंए शोहरू ज़िहै? तम्हैं निं भली गल्ला करी ई सकदै किल्हैकि तम्हैं आसा बूरै, ज़ुंण मनैं भरअ द हआ सह ई एछा खाखा दी। Faic an caibideilकुल्वी34 तुसै कीड़ै रै शोहरू सांही सी, तुसै बुरै होईया शोभली गैला कैण्ढै केरी सका सी किबैकि ज़ो मना आँध्रै सा सौऐ बाहरै निकल़ा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम34 तमे जरीले सर्पा रे शोहरु साही साहा, तमे बुरे होई करे शोभली गला केड़े साबे बोली सका? किबेकि जोह मना में भरुदा साह सहे ही मुँहा का निखल़ा। Faic an caibideil |