मत्ती 12:27 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान27 “ज़ै अह तम्हैं मुल्है इहअ बोला कि हुंह काढा राख्सा करै इना भूता दूर। तै हुई अह गल्ल बी शुची कि थारै च़ेल्लै बी काढा भूत राख्से शगती करै? मुखा बी आसा इहअ थोघ कि अह गल्ल आसा गलत! एसा गल्लो न्याय हेरअ तिन्नैं करी कि तम्हैं बोला झ़ुठी गल्ला। Faic an caibideilकुल्वी27 अगर ऐ सच़ सा कि हांऊँ शैतानै री मज़ती सैंघै बुरी आत्मा खोला सा ता तुसाबै मैनणु आल़ै कौसरी मज़ती सैंघै बुरी आत्मा खोला सी? ऐबै तिन्हाऐ तुसरा न्याय केरना। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम27 भला, अगर हाऊं शैतान री सहायता संघे दुष्टात्मा काहडा, तेबा थारे बंश कासकी सहायता संघे काहडा? एतकी तणी त्या ही थारा न्याय करना। Faic an caibideil |