मत्ती 11:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 कांणै लागै भाल़ै, लाट्टै लागै हांढदै-फिरदै। कोल़्हे बमारी आल़ै करा राम्बल़ै और टौणैं लागै शुणदै। मुल्दै लागै ज़िऊंदै हंदै और दुखी दल़िदरा का खोज़ा खुशीओ समाद। Faic an caibideilकुल्वी5 कि कांणै हेरदै लागै सी, लूलै-लँगड़ै औंढदै लागै होर कोढ़ी ठीक होंदै लागै सी, टाऊँणै शुणदै लागै सी होर मूँऐंदै ज़िन्दै लाऐ सी केरनै। दीन दु:खी बै खुशी रा समाद दसणा लाऊ सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 कि काणे हेरा होर लेगड़े हांडा फिरा, कोढ़ी ठीक करा होर टऊणे शुणा, मुएदे जिऊंदे करा, होर कंगाला बे सुसमाचार शुणाउंदा। Faic an caibideil |