मत्ती 11:21 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान21 “खुराजीन और बैतसैदा नगरीए लोगो तम्हां लै हणीं बडी खरी। ज़ुंण शगतीए काम तम्हां दी किऐ, ज़ै तिंयां काम सूर और सैदा नगरीए होरी ज़ातीए लोगा मांझ़ै किऐ हंदै, तिन्नां छ़ाडणअ त खिंथल़ै पल़ेटी करै छ़ारे रूल़ी प्रैंदै बेशी पाप करनअ। Faic an caibideilकुल्वी21 “हाय, खुराज़ीन नगर! होर हाय, बैतसैदा नगरा! न रौहणु आल़ै लोको, तुसा मौंझ़ै ज़ो च़मत्कार केरै ते अगर सूर शैहर होर सैदा शैहरा न रौहणु आल़ै होरी ज़ाति रै लोकै केरै होंदै ता तौखलै लोका पराणै च़िथड़ै ओढ़िया होर आपणै देही न भौस (स्वाह) मौईआ केबकै पाप केरना छ़ौड़दै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम21 हाय, खुराजीन शहर! हाए, बैतसैदा शहर! जोह सामर्थ्य रै काम तमामे करी दे अगर सूर होर सैदा रे शहरा मे करदे, तेबा टाट ढयाही करे, होर छारा में बेशी करे त्याह कंधा ओरी मना फेरदे। Faic an caibideil |
तिन्नां लै एछणी घोर खरी ज़ुंण इना एही गल्ला करा। तिन्नों बभार आसा कैना ज़िहअ ज़ुंणी रोशै आपणअ भाऊ पाअ त मारी, तिंयां आसा बलाम गूरा ज़िहै पापी ज़ुंणी आपणैं ढबे मांणै परमेशरे लोगा का पाप कराऊअ मरनै कोराहा ज़िहै ज़ुंणी मुसा गूरो बरोध किअ। (2 पतरस 2:15; 1 युहन्ना 3:22; मूल़ 4:3-8; गणांई 16:19-35; 22:7; 24:12-14)