लुका 9:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़ुंण तम्हां नांईं मनें, तेसा नगरी का बागै निखल़दी ठुल़्हकै आपणैं खूरा का धूल़अ बी पोर्ही ताकि तिन्नां लै गवाही होए कि तिन्नैं निं थारअ सुआगत किअ।” Faic an caibideilकुल्वी5 ज़ुँणी ग्राँ न लोका तुसाबै ग्रहण नी केरलै ता, तेई ग्राँ न निकल़दी घेरै आपणी ज़ोंघै रै धूड़ै बै ठुड़केइत् ताकि सौ धूड़ा तिन्हां बै च़िताऊणी देला कि परमेश्वरा तिन्हां बै सज़ा देणी।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 जोह तमा नांई मनले, तेऊ नगरा का निख्ली करे आपणी टांगा ठुडकी करे तखा का निख्ला की त्याह् प्रेंदे गुआही हो।” Faic an caibideil |