लुका 7:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 किल्हैकि सह करा म्हारी ज़ाती लै झ़ूरी और तेऊ ई आसा हाम्हां लै आराधना कोठी बी बणांअ द।” Faic an caibideilकुल्वी5 किबैकि सौ आसरै लोका सैंघै झ़ुरी केरा सा, होर तेइयै आसरी तैंईंयैं आराधनालय घौर बणाणै री तैंईंयैं ढ़ैबुए धिनै सी।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 किवकी सह महारी जाति का प्रेम डाहदा, होर तेऊये ही हमारअ प्रार्थना घर बनऊदअ साहा।” Faic an caibideil |