लुका 21:25 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान25 “सुरज़, ज़ोथ और तारै दी शुझणैं नछ़ैण, और पृथूई दी हणअ देशा-देशे हर ज़ातीए लोगा लै सांगट। किल्हैकि तिन्नां लागणीं समुंदरे बडै शणकारा डरै ओर्ही-पोर्ही ठुर्हा और छ़ालीए क्रुंगा करै पल़णअ हैल़अ। (भज़न 46:2,3; 65:7; याशायाह 13:10; 24:19; यजकेल 32:7; योएल 2:30) Faic an caibideilकुल्वी25 “सर्गा न नोखै-नोखै चिन्ह च़मत्कार होंणै। ज़ोथ, सूरज़ होर चाँद होर तारै न कई किस्मै रै चिन्ह च़मत्कार हेरिनै होर धौरती पैंधलै सैभी देशै रै लोका पैंधै मुसीबता ऐणी होर तिन्हां समुद्रै री छ़ेड़ी न डौरना। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम25 सूरज होर चाँद होर तारे में चिन्ह हेरण; होर धरती पैंदे, देशा-देशा रे लोका पैंदे संकट इहंणा, किबेकि त्याह समुन्दरा रे गर्जना होर लेहरा रे कोलहाला का घवराउणे। Faic an caibideil |