लुका 20:46 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान46 “इना शास्त्री का रहै चतैन, ज़ुंणी ईंयां लोगा रहैऊंणा लै लाम्मै च़ोल़ै हआ बान्हैं दै। कि तिंयां किहै महान आसा। ईंयां च़ाहा कि लोगै लोल़ी तिन्नां सेटा हाथ ज़ोल़ै। आराधना कोठी दी लोल़ी इना खास-खास ज़ैगा बेशणा लै, धामा दी च़ाहा तिंयां ज़ुदै ज़िहै खास ज़ैगा बेशणअ। Faic an caibideilकुल्वी46 “इन्हां शास्त्री लौका न साबधान रौहा, ज़ुण लोमे झिकड़ै लाईया घुमा सी। होर बजारा न नमस्कार, होर आराधनालय न खास-खास ज़ैगा होर धामा न भी खास-खास ज़ैगा तौपा सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम46 शास्त्री का सावधान रहा, जासू लामे-लामे चोगे बानी करे हाणडण ठीक लागा होर जासू बजारे नाहणा होर प्रार्थना घरा में नाशी करे बड़ी जागा होर धामा में बड़ी जागा शोभला लागा। Faic an caibideil |