लुका 16:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 ता मालकै शादअ सह भढारी और तेऊ लै बोलअ, ‘लोगै भाल़ तेरै बारै कै बोलअ तंऐं लाऐ लोग ठगी? आपणैं भढारीए धैल़ीओ साब-कताब दै मुल्है और आजू निं तूह भढारी रही सकदअ।’ Faic an caibideilकुल्वी2 तैबै तेई सेठै आपणा मुन्शी शाधु होर तेइबै बोलू, ‘हांऊँ तेरै बारै न ऐ कि लागा सा शुणदा? तू आपणै मुन्शी होंणै रा हिसाब दै किबैकि तू आगै बै मुन्शी नी रौही सकदा।’ Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 तेबा तेऊ सेठे सह भण्डारी शादू होर बोलू, यह कैह सा, जोह हाऊं तेरे बारे में शूणदअ लागदअ? आपणे भंडारीपना रा हिसाव दे; किबेकि तूह एबा भंडारी नांई रही सकदअ। Faic an caibideil |
मंऐं बोलअ ताल्है कि छ़ेकै निं कुंण सैणअ बणांईं ज़ेभै तैणीं तम्हैं तिन्नें ज़िन्दगी ज़ाच़ी भाल़ी नां लए, किल्हैकि कई मणछ करा च़ोरी-छ़ुपै पाप इहअ करै ज़ुंण तिन्नैं किअ तेतो निं तेभै तैणीं थोघ लागदअ ज़ेभै तैणीं तिंयां कुंणी भाल़ै निं। पर कई लोग करा खुल्है आम पाप और लोगा का हआ तिन्नां परखणैं का पैहलै ई थोघ।
तेखअ भाल़ै मंऐं मूंऐं दै लोग, कै होछ़ै कै बडै तिंयां तै राज़गादी आजू खल़्हुऐ दै। ज़ुंण मूंऐं दै लोग समुंदरै आसा डुबै दै, ज़ुंण मरी करै घोरी आसा दाबै दै, तिंयां सोभै लोग ज़ुंण मूंऐं दै रहणें ज़ैगा आसा तिंयां सोभ खल़्हुऐ राज़गादी सम्हनै। तेखअ खोल्ही तिधी ज़िन्दगीए कताब और होर बी कई कताबा। मूंऐं दै मणछो न्याय हुअ तिन्नें तेसा कताबा दी लिखै दै तेते साबै ज़ुंण तिन्नैं आपणीं ज़िन्दगी दी किअ। तिन्नों न्याय हणअ तिन्नें कामें साबै। (दानिएल 7:10)