लुका 1:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 ताकि ताखा एसा गल्लो थोघ लागे कि ज़ुंण गल्ला ताखा आसा खोज़ी दी तिंयां आसा शुची और अटल़। Faic an caibideilकुल्वी4 ताकि तू ज़ाणला कि ज़ो शिक्षा तौभै धिनी सा सौहै सच़ सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 की तूह यह जाणा की त्याह गला जासू की ताए शिक्षा पाई दी साहा, त्याह गला केहडी अटल साहा। Faic an caibideil |
पर तज़ी बी, ज़ै हुंह मंडल़ी दी खास्सै विश्वासी मांझ़ै होए ता हुंह निं होरी रंगे भाषा बोलदअ किल्हैकि पाखली बोली ज़ुंण कोहै निं समझ़ी सकदअ तेथ बोलै होए मंऐं दस हज़ारा बैण पर तिंयां निं कोही समझ़ आऐ कि मंऐं कै बोलअ! तेता का आसा मेरै बोलै दै तिंयां पांज़ बोल ई भलै ज़ुंण लोगा समझ़ एछे और ज़ेता करै तिन्नां शिक्षा भेटे।