युहन्ना 5:30 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान30 “हुंह निं आपणीं बाखा किछ़ै करदअ, हुंह आसा मेरै बाप्पू छ़ाडअ द, और तेऊ खोज़अ मुखा कि किहअ न्याय करनअ। मेरअ न्याय आसा शुचअ इहअ करै कि हुंह निं आपणीं मरज़ी करदअ पर हुंह च़ाहा तेऊए मरज़ी पूरी करनअ ज़ुंणी हुंह स्वर्गा का आसा छ़ाडअ द। Faic an caibideilकुल्वी30 हांऊँ आपणै आपा न किछ़ नी केरी सकदा; ज़ैण्ढा शूणा सा, तैण्ढा न्याय केरा सा, होर मेरा न्याय सच़ा सा; किबैकि हांऊँ आपणी इच्छा नैंई बल्कि आपणै भेजणु आल़ै बापू री इच्छा चाहा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम30 हाँऊ आपणे आपा का किछे नांई करी सकतअ; जेड़ा शूणा, तेहडा न्याय करदा; होर मेरा न्याय सच्चा साहा, किबेकि हाँऊ आपणी इच्छा सगे नाँई पर आपणे भेजणअ आले री इच्छा पूरी करना चाँहदा। Faic an caibideil |