युहन्ना 14:27 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान27 “हुंह दैंऊं तम्हां लै शांती, ज़िहअ संसारे लोग फिकर दैआ, तिहअ निं हुंह तम्हां लै दैंदअ, मुंह दैणीं तम्हां लै आपणीं शांती ताकि थारअ मनैं फिकर नां पल़े और नां डरे। Faic an caibideilकुल्वी27 हांऊँ तुसाबै शान्ति देआ सा, ज़ो शान्ति मूँ हागै सा। ऐ शान्ति सौ नी ऑथि ज़ो तुसाबै दुनिया रै लोका देआ सा। तुसरा मन उदास नी हुआ लोड़ी होर न डौरू लोड़ी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम27 हाऊं तमाबे शांति दिंदा, आपणी शांति तमाबे दिंदा; जेहड़ा संसार दिंदा, हाऊं तमाबे नांई दींदअ थारा मन ब्याकुल नांई होए होर नांई डरे। Faic an caibideil |
ईशू आसा म्हारी तैणीं, सह बच़ाऊआ हाम्हां और सह करा म्हारी एही हेर सभाल़ ज़िहअ एक फुआल आपणीं भेडे करा। म्हारै मनैं शांती दैणैं आल़ै परमेशरै किअ प्रभू ईशू मरी करै ज़िऊंदअ। इहअ करी करै की परमेशरै हाम्हां लै सदा रहणैं आल़ी करार मसीहे क्रूसा दी बहाऊऐ दै लोहू दी प्रगट। (युहन्ना 10:11; शधाणूं 2:24; रोमी 15:33)
हुंह युहन्ना लिखा एता तम्हां विश्वासी लै ज़ुंण एशिया लाक्कै साता मंडल़ी दी आसा। हुंह करा एही प्राथणां कि तम्हां लोल़ी परमेशरा का जश और शांती भेटी। सह आसा इहअ परमेशर ज़ुंण सदा तिहअ ई रहा, सह ज़ुंण आझ़ आसा, आझ़ा का पैहलै त और आजू बी रहणअ। तिन्नां साता आत्मां बाखा बी लोल़ी झींण और शांती भेटी ज़ुंण तेऊए राज़गादी सम्हनै आसा
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)