याकूब 1:14 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान14 पर हरेक मणछ पल़ा आपणैं मनें बूराई करने च़ाहा दी शाची करै परखा दी। Faic an caibideilकुल्वी14 बल्कि हर एक मांहणु आपणी बुरी इच्छा न फसिया परीक्षा न पौड़ा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम14 पर हर एक मणश आपणी ही ईच्छा का खिंची करे होर फसी करे परीक्षा में पड़णा। Faic an caibideil |
ज़ेभै हुंह पाप करनअ च़ाहा त, हुंह समझ़ा त इहअ कि मुंह भेटणीं सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी ज़ै हुंह बधाने सोभी गल्ला मंदअ। पर मेरी अह सोठ ती गलत। हुंह समझ़ा त इहअ कि हुंह सका पाप करनअ और बधान दुहै एकी बारी करी। असली दी त लाअ द हुंह सदा लै आप्पू का दूर करी किल्हैकि हुंह निं बधाने कोही गल्ला पूरी करी सकअ। (रोमी 7:8)
कै हाम्हैं इहअ बोली सका कि ज़ुंण बधान परमेशरै मुसा लै दैनअ, ज़ुंण हाम्हां लै बधिया त, सह कै हाम्हां परमेशरा का दूर निंयां? असली दी निं इहअ हई सकदअ। बधान ज़ुंण बधिया त तेता करै नाठअ हुंह पापा नेल़। मुखा त तेते नतिज़ेओ थोघ कि हुंह त परमेशरा का खास्सअ दूर। एसा गल्लो बी लागअ मुखा थोघ कि परमेशरै हाम्हां लै कै हुकम आसा दैनअ द, मुखा इहअ बी लागअ थोघ कि ज़ुंण किछ़ बी हुंह करा पैहलै करा त, सह आसा त असली दी पाप।