याकूब 1:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 किल्हैकि सुरज़ा निखल़णैं का बाद पल़ा चटाक धुपअ और घाहा दैआ सह शकेऊई, और तेतो फूल अल़ा धरनीं, संघा तेते शोभा बी हआ खतम। ठीक इहै ई हणैं सेठ बी ढबै खटदी-खटदी खतम। (भज़न 102:11; याशायाह 40:7-8) Faic an caibideilकुल्वी11 ज़ैण्ढै सूरज़ निकल़दै कड़ाकै रा धूपा पौड़ा सा, होर गाह बै शकौआ सा, होर तेथा रा फूल शुका सा, होर तेइरी शोभा ज़ाँन्दी रौहा सा, तेथा सांही सेठ बी आपणै कोमा केरदै-केरदै माट्टे न मिलणा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 किवेकि ध्याडअ निखलता ही धूपा पड़ा होर घाऊ शकेरा, होर घाऊ रे खिल झड़ा होर तेऊरी शोभला नांई रंहदी। एउ साबे सेठ मणश भी अपणी बाता हाडदे माटे में मिलणअ। Faic an caibideil |