इब्रानी 3:10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान10 एता ई पिछ़ू आई मुंह तेऊ जुगे लोगा लै रोशै, तेखअ बोलअ मंऐं इहअ ‘इने मन पेठा कबल्लै कबाता। ज़िहअ मंऐं बोलअ इनै निं तिहअ किअ।’” Faic an caibideilकुल्वी10 एसा बजहा न हांऊँ तेई बौगतै रै लोका न झ़िकुआ होर बोलू कि, होर तिन्हैं मेरा नाँह केरू होर; ज़ो किछ़ मैं तिन्हां बै केरना रा हुक्म धिना ती, तिन्हैं नाँह केरू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम10 एउ कारण का हाऊं तेऊ वक्ता रे लोका का गुस्से में रहू, होर बोलू, याहरे मन सदा भटकते रहंदा, होर त्याह मेरे रास्ते नांई पछेणी। Faic an caibideil |