इब्रानी 13:14 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान14 किल्हैकि एऊ संसारै निं हाम्हां का इहअ घर आथी ज़ुंण सदा लै रहणअ। पर हाम्हैं आसा तेऊ सदा रहणैं आल़ै घरा न्हैल़ै-भाल़ै लागै दै ज़ुंण हाम्हां आजू भेटणअ। Faic an caibideilकुल्वी14 किबैकि ऐ दुनिया आसरा हमेशा रौहणु आल़ा घौर नी ऑथि, बल्कि आसै एक ऐणु आल़ै नगरै री खोजा न सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम14 किबेकि अखे महारअ कोई स्थाई नगर नांई, पर हामे एकु ईहंणे आले नगरा री खोज़ा में साहा। Faic an caibideil |
पर ज़ांऊं मसीहा म्हारअ माहा परोहित बणीं आअ, तेऊ आणी ईंयां शोभली गल्ला ज़ुंण एभै हाम्हां का आसा। तेखअ नाठअ सह परमेशरा सेटा स्वर्गा लै, सह आसा भितरे खास पबित्र ज़ैगा ज़िहअ, पर अह निं एऊ संसारो आथी ज़ुंण परमेशरै बणांअ। अह आसा तेऊ च़ऊंरै का बधिया ज़ुंण मुसा गूरै एसा पृथूई दी बणांअ किल्हैकि सह आसा सिध्द।
ज़ुंण ज़िते सह बणांणअ मुंह परमेशरे मांदरै एक थाम्ह, और सह निं भी कधि बागै निखल़णअ, और मुंह आपणैं परमेशरो नांअ और आपणैं परमेशरे नगरी पबित्र ज़ैगा, मतलब-नऊंऐं येरुशलेम मांदरो नांअ ज़ुंण मेरै परमेशरा सेटा स्वर्गा का एछणैं आल़अ आसा, आपणअ नऊंअ नांअ लिखणअ मुंह तेऊ दी। (प्रगट की दी गल्ला 21:2; याशायाह 65:15; यजकेल 48:35)