इब्रानी 11:35 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान35 कई बेटल़ी भेटै आपणैं मूंऐं दै भी ज़िऊंदै, कई रहै तेभै तैणीं मारा खांदै लागी ज़ेभै तैणीं तिन्नें मौत निं हुई, तिन्नां लै भेटै ईंयां दुख तै कि दुशमण बोला तै तिन्नां लै इहअ, “ज़ै तम्हैं परमेशरा दी विश्वास करनअ छ़ाडे तै सका हाम्हैं तम्हां लै छ़ुटकारअ दैई।” पर तिंयां निं आपणअ विश्वास छ़ाडी करै कैद खानै का छ़ुटणअ च़ाहंदै तै। किल्हैकि तिन्नैं समझ़अ पृथूई दी ज़िऊंणै का खास्सअ परमेशरा संघै सदा लै ज़िऊंदै रहणअ ठीक। Faic an caibideilकुल्वी35 किछ़ बेटड़ियै आपणै मूँऐंदै दबारा ज़िन्दै पाऐ। केतरै ता मार खाँदै-खाँदै मूँऐ होर तिन्हैं आपणा बशाह छ़ौड़ना नैंई चाहू ताकि तै कैदा न छ़ुटलै किबैकि ज़ैबै तै मौरनै न बाद दबारा ज़िन्दै होलै ता तिन्हां बै शोभली ज़िन्दगी मिली सका सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम35 बेटड़ी आपणे मुएँ दे भी जिऊंदे हेरी; केतरे तअ मारा खांदे-खांदे मुएँ होर छुटकारा नांई चाहू, एतकि तणी कि उत्तम पुनरुत्थाना रे भागी हो। Faic an caibideil |