गलातियों 6:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 भाईओ, तम्हैं ज़ुंण पबित्र आत्में साबै ज़िन्दगी ज़िऊआ ज़ै तम्हां का कसरै बारै इहअ थोघ लागे कि तेऊ किअ पाप ता तेऊ फरेऊआ बडी झ़ूरी संघै बापस। आपणअ बी डाहा धैन कि तम्हैं बी निं किधी तिहअ ई पाप करे। Faic an caibideilकुल्वी1 ओ भाइयो बैहणियो, अगर कोई विश्वासी अपराध केरदा ढोकिया सा, ता तुसै ज़ुण आत्मिक सी, झ़ुरी सैंघै तेइबै सही बौता न वापस आंणनै री तैंईंयैं तेइरी मज़त केरा होर आपु भी साबधान रौहा, कि तुसै भी परीक्षा न नी पोड़ै लोड़ी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 हे भाईयो, अगर कोई मणशा पापा में ढाकू, तेबा तमे जोह आत्मिक मना मे साहा, नम्रता संघा एडा सभाल़ा, होर आपणी भी देख रेख करा, कि तमे भी परीक्षा में नांई पडे। Faic an caibideil |