गलातियों 5:20 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान20 मुर्ति पूज़ा, ज़ादू टोणअ, ज़ीद, झ़गल़ै, होरीए च़िज़ो मांण, रोश, बरोध, फूट, कल़बिश, Faic an caibideilकुल्वी20 मूर्तिपूजा, जादू, दुश्मनी, झ़गड़ै, ईर्ष्या, झ़िक, बरोध, फूट, पाखण्डीपन, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम20 मूर्ति पूजा, टूणा, बइर, झगड़ा, इर्ष्षा, रोष, बरोध, फूट, धर्म, Faic an caibideil |
ज़िहै खास्सी साला पैहलै झ़ुठै गूर निखल़ै तै, तिहै ई निखल़णैं झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै तम्हां मांझ़ै। तिन्नां पाणै लोग झ़ुठी शिक्षा करै मसीहा दी विश्वास करनै का कबाता। तिन्नां झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै निं ईशू मसीहा आपणअ मालक मंदै ज़ुंणी तिंयां पापे शगती का आज़ाद किऐ। इहअ करै हणैं तिंयां आप्पू ई नभैऊशै बरैबाद।
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)