गलातियों 3:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 विश्वासी बणीं करै ज़िरअ तम्हैं खास्सअ दुख। हुंह डाहा एही आशा कि थारअ अह दुख ज़िरनअ निं बरैबाद डेऊणअ। Faic an caibideilकुल्वी4 तुसै कि ऐतरा दुःख बिना मतलबै च़कू, पर तुसरा दुःख च़कणा कैधी भी व्यर्थ नी होंणा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 कैहे तमे ऐतरा दुःख थोगे चुआकू? पर कधी थोगे नांई। Faic an caibideil |