गलातियों 2:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 परमेशरै रहैऊई मुखा अह गल्ल कि मुंह लागणअ येरुशलेम नगरी डेऊणअ और तैही नाठअ हुंह, ज़ुंण खुशीओ समाद हुंह होरी ज़ाती लै प्रच़ार करा, तिंयां सोभै गल्ला खोज़ी मंऐं बाढै तिन्नां का, पर खोज़अ मंऐं ज़ुदअ ज़िहअ हई करै तिन्नां ई का ज़ुंण तिन्नां मांझ़ै बडै सैणैं तै, ताकि इहअ निं होए कि ज़ुंण मंऐं आझ़ तैणीं मैन्थ की या ज़ुंण मुंह आजू करनअ सह बरैबाद नां डेओए। Faic an caibideilकुल्वी2 हांऊँ तौखै नौठा किबैकि परमेश्वरै मुँभै ज़ाणै री तैंईंयैं बोलू ती, होर ज़ैबै हांऊँ तौखै ती, हांऊँ केल्है न अगुवा सैंघै मिलू, होर ज़ो खुशी रा समाद हांऊँ होरी ज़ाति बै प्रचार केरदैआ ऐन्दा लागा ती, तिन्हां बै समझ़ाऊ। ताकि ऐण्ढा नी हुआ लोड़ी कि ज़ो हांऊँ केरदैआ ऐन्दा लागा ती बेकार होला। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 होर मेरा नाहंणा परमेश्वर री इच्छा रे साबे होऊ, होर जोह सुसमाचार हाऊ अन्यजाति में शुणउंदअ रहु साहा माई त्याहे बे खोजू, पर एकान्त में त्यााही बे जोह बडे समझ थी, की एड़ा नाई होए, की मेरी एउ वका्ता रा , पिछला हाँडणा फिरना थोगे ना होए। Faic an caibideil |