इफिसियों 5:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 किल्हैकि तम्हां का आसा एसा गल्लो थोघ कि कसा कंज़रै और कदुष्ट मणछ या मांण करनै आल़ै मणछे, ज़ुंण मुर्ति पुजा करनै आल़ै बराबर आसा, ईंयां इहै निं मसीहे और परमेशरे राज़ा दी साझ़ू हणैं। Faic an caibideilकुल्वी5 किबैकि तुसै ज़ाणा सी, कि कोई व्यभिचारी, या बुरा मांहणु, या लालची मांहणु री, ज़ुण मूर्तिपूजा रै बराबर सा, मसीह होर परमेश्वरा रै राज्य रै भागीदार नैंई। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 किबेकि तमे यह जाणा कि कासु व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, यह लोभी मणशा री, जोह मूर्ति पुज़ण आले रे बराबर साहा मसीह होर परमेश्वरा रे राज्य में बिरासत नांई। Faic an caibideil |
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)