इफिसियों 5:28 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान28 एऊ साबै आसा इहअ ठीक कि मर्ध ज़ुंण आपणीं-आपणीं लाल़ी संघै आपणीं देही ज़ेही झ़ूरी डाहा, ता सह डाहा आप्पू ई लै झ़ूरी। Faic an caibideilकुल्वी28 ऐण्ढी तैरहा ज़रूरी सा, कि लाड़ा आपणी-आपणी लाड़ी सैंघै आपणै शरीरा बराबर झ़ुरी केरै, ज़ुण आपणी लाड़ी न झ़ुरी केरा सा, सौ आपणै आपा न झ़ुरी केरा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम28 एउ साबे उचित साहा कि मर्द आपणी वैटडी संघा आपणी देहा रे बराबर प्रेम डाहे। जोह आपणी बेटड़ी संघा प्रेम डाहंदा, सह आपणे आपु संघा प्रेम डाहंदा। Faic an caibideil |
तिहअ ई ओ मर्धो, तम्हैं बी ज़िऊआ आपणीं बेटल़ी संघै जोग-सजोग डाही आपणीं लाल़ी संघै ज़िन्दगी। तम्हैं डाहणीं अह गल्ल आद कि तिंयां निं तम्हां ज़ेही पाक्की आथी। तैही करनअ तिन्नों अदर। किल्हैकि परमेशरै ज़ुंण दान आपणैं जशा करै आसा दैनअ द, तम्हैं आसा दुहै तेथ साझ़ू, और सह आसा सदा लै ज़िन्दगी। तम्हैं करै इहअ तै कि ज़ेभै तम्हैं प्राथणां करे तेभै परमेशर थारी शुणें।