इफिसियों 4:25 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान25 इहअ करै झ़ुठअ बोल़णअ छ़ाडी करै बोला हरेक आपणैं साथी संघी का शुचअ, किल्हैकि हाम्हैं आसा आप्पू मांझ़ै एकी देहीए आंग। (कुलुस्सी 3:9; रोमी 12:5; जकर्याह 8:16) Faic an caibideilकुल्वी25 एथा बजहा न झूठ बोलणा छ़ौड़िआ हर एक आपणै पड़ेशी सैंघै सच़ बोला, किबैकि आसै एकी शरीरा रै अलग-अलग औंग सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम25 एउ कारण झूठ बोलणा छाडी करे हर एक आपणे पड़ोसी संघा सच बोला, किबेकि हामे आपु में एक दूजे रे अंग साहा। Faic an caibideil |
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)