कुलुस्सी 4:6 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 थारी गल्ला करनी लोल़ी सदा एही हुई ज़ेथ झींण होए और शुणनै आल़ैओ बी तेथ मन लागे, ताकि ज़ुंण तम्हैं विश्वास करा, तेते बारै तम्हैं सोभी मणछा लै राम्बल़ै करै ज़बाब दैणअ एछे। Faic an caibideilकुल्वी6 तुसरी बोली हमेशा दीन होर सुहावनी हो, कि तुसाबै हर मांहणु बै सही तरीकै न ज़ो तुसै बशाह केरा सी तेथा रै बारै न ज़वाब देणा आऊ लोड़ी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम6 थारअ बचन सदा अनुग्रहा सहित होर सलोना हो, कि तमा हर मणशा वे ठीक रीति संघा उतर दींणा इच्छा। Faic an caibideil |