कुलुस्सी 4:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 तिन्नां लोगा मांझ़ै रही करै ज़िऊआ आपणीं ज़िन्दगी समझ़कार रही करै ज़ुंण विश्वासी निं आथी और हर मोक्कै समझ़ा किम्मती। Faic an caibideilकुल्वी5 मौकै बै कीमती समझिया अविश्वासी सैंघै बड़ी बुद्धिमानी सैंघै बर्ताव केरा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 मोका वे कीमतदार समझी करे बाघल संघा बुदिमानी संघा जिंदगी ब्यबहार करा। मोका किमतदार समझा। Faic an caibideil |