कुलुस्सी 4:18 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान18 हुंह पल़सी लिखा तम्हां सोभी लै आपणैं हाथै राज़ी-खुशी। मेरै इना शांघल़ी लोहै डाहै आद कि हुंह आसा कैद और मुल्है करै प्राथणां; तम्हां सोभी लै लोल़ी परमेशरो जश और शांती सदा हुई। तथास्तू। Faic an caibideilकुल्वी18 हांऊँ, पौलुस तुसाबै नमस्कार केरनै री तैंईंयैं आपणै हौथै न चिट्ठी रै ऐई हिस्से बै लिखदा लागा सा, याद रखा कि हांऊँ कैदखानै न सा होर मेरी तैंईंयैं प्रार्थना केरा; तुसा पैंधै परमेश्वरा रा अनुग्रह होन्दा रोहला, आमीन। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम18 महा पौलुसा रा आपणे हाथा का लिखुदा नमस्कार। मेरी जंजीरा री याद डाहे। तमा परेदे अनुग्रह हूँदा रहे। आमीन। Faic an caibideil |