कुलुस्सी 2:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 किल्हैकि, एही ता आसा हुंह तम्हां का खास्सअ दूर पर दिला का रहा हुंह थारै बारै सोठदअ लागी। हुंह आसा खुश किल्हैकि तम्हैं हांढा मसीहा पिछ़ू इहै कि तम्हां निं कुंण रोक्की सकदअ और थारअ आसा मसीहा दी पाक्कअ विश्वास। Faic an caibideilकुल्वी5 किबैकि अगर हांऊँ दूर रौहला, तैबै बी ऐण्ढा लागा सा कि ज़ैण्ढै हांऊँ तुसा सैंघै सा, होर तुसा री बिधि-नियमा मुताबक चरित्र होर मसीह पैंधै तुसा रै पक्के बशाह हेरिया मुँभै बड़ी खुशी होआ सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 हाऊं शरीरा रे भावा का तमा का दूर साहा, तेबा भी आत्मिक मना रे भावा का तमा नेड साहा, होर थारे अन्त जीबन होर थारे बुशाह री, जोह मसीहा में साहा पाके हेरी करे खुश हूँदा। Faic an caibideil |