शधाणूं 9:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 सह बधल़ुअ धरनीं और तेऊ शूणअ इहअ बैण, “ए शाऊल, ए शाऊल, तूह किल्है आसा मुंह दुखी करदअ लागअ द?” Faic an caibideilकुल्वी4 होर सौ ज़मीना पैंधै पौड़ू होर प्रभु री ऐ आवाज़ शुणी, “हे शाऊल, हे शाऊल तू मुँभै किबै सता सा?” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 होर सह नेहटे धरती माटे पैंदे पडू होर यह शब्द शूणू, हे शाऊल, हे शाऊल, तूह माह किबे दुखी करा? Faic an caibideil |