शधाणूं 5:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 ज़ेभै तैणीं सह ताह सेटा ती, सह कै तेरी निं ती? ज़ांऊं सह बिकी गई ती; तेभै बी कै सह तेरै बशै निं ती? तंऐं आपणैं मनैं इहअ बच़ार किल्है किअ? तंऐं निं मणछा का झ़ुठअ बोलअ पर तंऐं बोलअ परमेशरा का झ़ुठअ।” Faic an caibideilकुल्वी4 ज़ैबै तैंईंयैं सौ ज़मीन तौ हागै ती कि तेरी नी ती ऑथि? होर ज़ैबै बिकी ता कि तेरै वशा न नी ती ऑथि? तैं ऐ गैल आपणै मना न किबै सोच़ी? तैं मांहणु सैंघै नी बल्कि परमेश्वरा सैंघै झ़ूठ बोलू।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 जेबरे तणी सह ताह सेटा, कह सह तेरी नांई थी? होर जेबा बिकी केह तेरे अधिकार में नांई थी? तांई आपणे मना में यह गअल किबे सोची? तांई मणशा का नांई, पर परमेश्वरा का झूठ बोलू। Faic an caibideil |