शधाणूं 5:38 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान38 “ऐबै बोला हुंह तम्हां लै इहअ कि इना मणछ का रहा दूर और इना का निं किछ़ै मतलब डाहा; किल्हैकि, ज़ै अह धर्म या काम मणछा बाखा का होए; तै हणअ अह एकी धैल़ै खतम, Faic an caibideilकुल्वी38 ऐबै हांऊँ तुसाबै बोला सा कि इन्हां मांहणु न दूर रौहात् होर तिन्हां सैंघै किछ़ कोम मता रैखदै किबैकि अगर ऐ धर्म या कोम मांहणु री तरफा न सा ता ऐई मिटणा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम38 तेबा एबा हाऊं तमाबे बोलदा, याह मणशा का दूर ही रहा होर याह कअ किछे भी काम नांई डाह, किबेकी यह धर्म मणशा री तरफा कअ होला तेबा मिटणा; Faic an caibideil |