शधाणूं 5:34 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान34 पर गमलिएल नांओं एक फरीसी मणछ ज़ुंण शास्त्रो ज़ाणकार त, तेऊए ती सोभी लोगा मांझ़ै बडी भारी इज़त, तेऊ दैनअ दालता दी खल़्हुई करै तिन्नां शधाणूं थोल़ी घल़ी बागै करनैओ हुकम। Faic an caibideilकुल्वी34 पर गमलीएल नाँ रै फरीसियै ज़ो शास्त्री होर सैभी लोका मौंझ़ै माननीय ती तेइयै सभा न खड़ै होईया तिन्हां च़ेले बै थोड़ी देर बाहरै खोलणै रा हुक्मा केरू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम34 पर गमलीएल ना रअ एक फरीसी जोह सलाह दिहंणे आले होर सभी लोका में माननीय, महासभा में खड़े होई करे प्रेरितों बे थोड़ी देर बागे काहडने री आज्ञा दीनी। Faic an caibideil |